एक माह में आर.टी.-पी.सी.आर. मशीन लगने की सम्भावना
मथुरा। सवांददाता! आर.के. एज्यूकेशन हब के अध्यक्ष डॉक्टर रामकिशोर अग्रवाल का सपना हर ब्रजवासी को स्वस्थ और खुशहाल जीवन देने के साथ ही के.डी. हास्पिटल को एम्स की तरह सुविधाएं प्रदान करना है। कोरोना संक्रमण की जांच में हो रहे विलम्ब को लेकर डॉ. अग्रवाल इस समय काफी व्यथित हैं। इन्होंने शुक्रवार को के.डी. मेडिकल कालेज-हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के डीन डॉक्टर रामकुमार अशोका को निर्देश दिए कि वह यहां आर.टी.-पी.सी.आर. मशीन लगाने का तत्काल प्रबंध करें ताकि कोरोना संक्रमितों को जांच में किसी भी प्रकार की परेशानी और विलम्ब का सामना न करना पड़े।
डॉ. अग्रवाल की के.डी. हास्पिटल को सुविधाओं से परिपूर्ण करने और जनहितैषी चिन्ता को ध्यान में रखते हुए शुक्रवार सुबह चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने के.डी. मेडिकल कालेज-हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के डीन डॉ. रामकुमार अशोका, विभागाध्यक्ष माइक्रोबायोलॉजी डॉ. अशोक कुमार धनविजय, कोविड हास्पिटल इंचार्ज डॉ. गौरव सिंह आदि के साथ बैठक में आर.टी.-पी.सी.आर. मशीन लगाने की प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की। श्री अग्रवाल ने कहा कि कोरोना को लेकर लोगों में एक डर का माहौल देखा जा रहा है, अधिकतर लोग इसकी जांच में हो रहे विलम्ब से परेशान हैं लिहाजा हम चाहते हैं कि के.डी. हास्पिटल में अतिशीघ्र आर.टी.-पी.सी.आर. मशीन लगे ताकि अधिकतर लोगों के सैम्पल यहीं लेकर उनकी जांच की जा सके।
बैठक में डीन डॉ. रामकुमार अशोका और विभागाध्यक्ष माइक्रोबायोलॉजी डॉ. अशोक कुमार धनविजय ने आर.टी.-पी.सी.आर. मशीन लगाने की प्रक्रिया पर विस्तार से जानकारी देते हुए भरोसा दिलाया कि यह काम लगभग एक माह में पूरा कर लिया जाएगा। इस अवसर पर कोविड हास्पिटल इंचार्ज डॉ. गौरव सिंह ने बताया कि आर.टी.-पी.सी.आर. मशीन से व्यक्ति के शरीर के अंदर के वायरस का पता लगाया जाता है। इसके लिए नाक की म्यूकोजा और गले की म्यूकोजा की अंदर वाली परत से स्वैब लिए जाते हैं। नैजल स्वैब का सामान्य तौर पर प्रयोग किया जाता है और इसकी संवेदनशीलता भी बाकी स्वैब की तुलना में ज्यादा है। इसकी रिपोर्ट छह से आठ घण्टे में आती है। डॉ. सिंह ने बताया कि इस टेस्ट से यह पता चलता है कि कोरोना वायरस आपके शरीर के अंदर मौजूद है या नहीं।
गौरतलब है कि संग्रमण के इस दौर में के.डी. हास्पिटल के चिकित्सकों द्वारा ऐसे-ऐसे गम्भीर कोरोना संक्रमितों को नई जिन्दगी दी गई है, जिनके बचने की बिल्कुल सम्भावना नहीं थी। के.डी. मेडिकल कालेज-हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में आर.टी.-पी.सी.आर. मशीन लग जाने से मथुरा जनपद के लोगों को कोरोना संक्रमण की जांच में विलम्ब और परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
मथुरा। सवांददाता! आर.के. एज्यूकेशन हब के अध्यक्ष डॉक्टर रामकिशोर अग्रवाल का सपना हर ब्रजवासी को स्वस्थ और खुशहाल जीवन देने के साथ ही के.डी. हास्पिटल को एम्स की तरह सुविधाएं प्रदान करना है। कोरोना संक्रमण की जांच में हो रहे विलम्ब को लेकर डॉ. अग्रवाल इस समय काफी व्यथित हैं। इन्होंने शुक्रवार को के.डी. मेडिकल कालेज-हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के डीन डॉक्टर रामकुमार अशोका को निर्देश दिए कि वह यहां आर.टी.-पी.सी.आर. मशीन लगाने का तत्काल प्रबंध करें ताकि कोरोना संक्रमितों को जांच में किसी भी प्रकार की परेशानी और विलम्ब का सामना न करना पड़े।
डॉ. अग्रवाल की के.डी. हास्पिटल को सुविधाओं से परिपूर्ण करने और जनहितैषी चिन्ता को ध्यान में रखते हुए शुक्रवार सुबह चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने के.डी. मेडिकल कालेज-हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के डीन डॉ. रामकुमार अशोका, विभागाध्यक्ष माइक्रोबायोलॉजी डॉ. अशोक कुमार धनविजय, कोविड हास्पिटल इंचार्ज डॉ. गौरव सिंह आदि के साथ बैठक में आर.टी.-पी.सी.आर. मशीन लगाने की प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की। श्री अग्रवाल ने कहा कि कोरोना को लेकर लोगों में एक डर का माहौल देखा जा रहा है, अधिकतर लोग इसकी जांच में हो रहे विलम्ब से परेशान हैं लिहाजा हम चाहते हैं कि के.डी. हास्पिटल में अतिशीघ्र आर.टी.-पी.सी.आर. मशीन लगे ताकि अधिकतर लोगों के सैम्पल यहीं लेकर उनकी जांच की जा सके।
बैठक में डीन डॉ. रामकुमार अशोका और विभागाध्यक्ष माइक्रोबायोलॉजी डॉ. अशोक कुमार धनविजय ने आर.टी.-पी.सी.आर. मशीन लगाने की प्रक्रिया पर विस्तार से जानकारी देते हुए भरोसा दिलाया कि यह काम लगभग एक माह में पूरा कर लिया जाएगा। इस अवसर पर कोविड हास्पिटल इंचार्ज डॉ. गौरव सिंह ने बताया कि आर.टी.-पी.सी.आर. मशीन से व्यक्ति के शरीर के अंदर के वायरस का पता लगाया जाता है। इसके लिए नाक की म्यूकोजा और गले की म्यूकोजा की अंदर वाली परत से स्वैब लिए जाते हैं। नैजल स्वैब का सामान्य तौर पर प्रयोग किया जाता है और इसकी संवेदनशीलता भी बाकी स्वैब की तुलना में ज्यादा है। इसकी रिपोर्ट छह से आठ घण्टे में आती है। डॉ. सिंह ने बताया कि इस टेस्ट से यह पता चलता है कि कोरोना वायरस आपके शरीर के अंदर मौजूद है या नहीं।
गौरतलब है कि संग्रमण के इस दौर में के.डी. हास्पिटल के चिकित्सकों द्वारा ऐसे-ऐसे गम्भीर कोरोना संक्रमितों को नई जिन्दगी दी गई है, जिनके बचने की बिल्कुल सम्भावना नहीं थी। के.डी. मेडिकल कालेज-हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में आर.टी.-पी.सी.आर. मशीन लग जाने से मथुरा जनपद के लोगों को कोरोना संक्रमण की जांच में विलम्ब और परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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