google.com, pub-6037649116484233, DIRECT, f08c47fec0942fa0 संकट की घड़ी में जरूरतमंदों की मददकर चन्दवीर व माया सिंह ने मनाई शादी की सालग्रह
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संकट की घड़ी में जरूरतमंदों की मददकर चन्दवीर व माया सिंह ने मनाई शादी की सालग्रह

"नर सेवा ही नारायण सेवा" हमारा संकल्प - माया सिंह
आगरा। संकट की घड़ी में 25 जरूरतमंद परिवारों की मददकर चन्दवीर व माया सिंह ने शादी की सालग्रह मनाई। लॉक डाउन के चलते जहां लोगों को आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन इस संकट की घड़ी में फिर भी भारतीय बड़े ही उत्साह के साथ कोरोना वायरस को मात देने में जी जान लगाकर जुटे हुए हैं। किसी ने सच ही कहा है कि जिस देश का राजा सिर्फ अपनी प्रजा के लिए जी रहा हो तो फिर उस देश की प्रजा अपने राजा का साथ देने में पीछे कैसे हट सकती है। ऐसे ही एक नेक दिल इंसान चंद्रवीर सिंह ने इस लॉक डाउन के कठिन समय में मानवता की एक मिसाल बने हुए हैं,जिन्होंने अपने खुद के भरोसे समाज के हर वर्ग के गरीब, पिछड़े, जरूरतमंद व दिहाड़ी मजबूर लोगों की लगातार मदद करने का दायित्व संभाला हैं।
फिल्म कारवां का यह डायलॉग" "मैं तो अकेला ही चला था मंजिल की तरफ परंतु लोगों ने देखा और कारवां बनता चला गया" इस वक्त चंद्रवीर सिंह व उनकी पत्नी माया सिंह ऐसे ही एक जीते जागते उदाहरण है। जिनकी समाज सेवा को देखकर लोग उनसे जुड़ते हुए चले गए और उनकी समाज सेवा दिन-ब-दिन बढ़ती चली गई।भारत विकास परिषद एकलव्य चंद्रवीर सिंह (सचिव) ने बताया कि भलाई करना कर्तव्य नहीं आनंद है। क्योंकि वह तुम्हारे स्वास्थ्य और सुख की वृद्धी करता है। इसलिए सबका भला कीजिए।
संकट की घड़ी में हमारी नजर में हर जाति धर्म से बढ़कर मानव धर्म (समाज सेवा) होना चाहिए। हम नहीं चाहते कि उनके शहर में या उनके आस पड़ोस में कोई भी व्यक्ति इस संकट के समय में कोरोना जैसी महामारी के कारण भूखा ना सोये। इसलिए हमने अपनी शादी की सालग्रह पर 25 जरूरतमंद परिवारों को रासन के पैकिट भेंट किये और आगे भी हर संभव मदद करते रहेंगे। इस संकट के समय में शासन-प्रशासन, डॉक्टर्स और पत्रकार बंधु भी धन्यवाद के पात्र हैं, क्योंकि यह सभी ईमानदारी के साथ पूरी जिम्मेदारी से अपने कर्तव्य का निर्वाहन कर रहे हैं। जिस तरह पुलिस प्रशासन पूरी ईमानदारी के साथ दिन-रात हम लोगों की सेवा में लगी है तो हमारा भी पुलिस प्रशासन के प्रति घर में रहकर सहयोग करने का फर्ज बनता है। तथा शासन-प्रशासन ,डॉक्टर्स,पत्रकार बंधु व सभी लोग (जो कोरोना जंग में शरीक है) की सलामती के लिए शादी की सालग्रह के मौके पर ईश्वर से प्रार्थना करते हैं।
इस संदर्भ में माया सिंह का कहना हैं कि वैश्विक महामारी से निपटने के लिये अपने प्रिय प्रधानमंत्री जी के लॉक डाउन के आग्रह का लोग धैर्यपूर्वक पूर्ण रूप से पालन कर रहे हैं। मोदी जी के आह्वान पर हम ने एक साथ मिलकर आशा और विश्वास से वैश्विक-संकट काल में ज़रुरत मंदों को रासन किट वितरित करके राष्ट्र की एकता व संकल्प को सिद्धि करेंगे। हमारा उद्देश्य हैं की कोई भी दिव्यांग,दृष्टिबाधित, दिहाड़ी मजदूर व जरूरतमंद परिवार संकट के इस समय में भूखा ना रहे ना भूखा सोए। सेवा का एकमात्र उददेश्य यह है कि जरूरतमंदों की सेवा असीम नम्रता से की जाये। हम ईश्वर से कामना करते हैं कि सभी कोरोना फाइटर्स स्वास्थ्य रहे। इस वैश्विक महामारी में लड़ रहे सभी कोरोना फाइटर्स को हम सलाम करते हैं। ईश्वर से कामना करते हैं कि हमारे सभी कोरोना फाइटर्स भी स्वास्थ्य रहे। इस संकट के समय मे जिस तरह से पुलिसकर्मी,स्वास्थ्यकर्मी, मीडियाकर्मी,सफाईकर्मी आदि ऐसे तमाम देशभक्त सड़कों पर अपने बच्चों और परिवार को इस संकट की घड़ी में अकेला छोड़कर रात और दिन अपना फर्ज निभा रहे हैं। वैसे ही सभी शहरवाशियों से हमारा हाथ जोड़कर निवेदन हैं कि ज़रूरतमंदों की सहायता के लिए आगे आये और देखे की आसपास कोई भूखा ना सोये साथ ही बेज़ुबान जानवरों को भी खाना देते रहें। इस वैश्विक महामारी से हम जरूर जीतेंगे इसलिए कृपया करके घर मे ही रहें और ईमानदारी से लॉक डाउन का पालन करें। सभी शहरवासी सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखें। लोग सड़कों पर बेवजह ना जाएं अपने घर में ही रहे। पुलिस प्रशासन व मेडिकल टीम का सहयोग करें ये सभी हमारी ही जान बचाने में रात दिन सड़को पर डटे हुए हैं। अपने घर पर जाते समय सबसे से पहले अच्छी तरह से साबुन से हाथ धोये व अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। घर पर ही रहे तभी हम इस महामारी से जीत पाएंगे। हमारा विश्वास है कि हम कोरोना महामारी से जरूर जीतेंगे।हमारा सभी से निवेदन हैं कि ईमानदारी से देशहित में लॉक डाउन का पालन करें। घर पर ही रहें तभी हम इस महामारी से जीतेंगे।हारेगा कोरोना-जीतेगा इंडिया। वहीं,रासन किट में आटा,दाल,सब्जी,मसाले, रिफाइंड,साबुन,बिस्किट पाकर जरूरतमंद परिवार की बुज़ुर्ग महिलाओं ने चंद्रवीर सिंह व उनकी पत्नी माया सिंह को दिल से दुआएं देते नहीं थक रही थी। दूसरी औऱ समान के साथ निकले बिस्किट के पैकेटों को बच्चे खुसी से खाते हुए घर में ही इधर उधर झूम रहे थे।

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