google.com, pub-6037649116484233, DIRECT, f08c47fec0942fa0 भारत को ग्लोबल ट्रेड रुट का सेंटर बनाना है": करण अदाणी
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भारत को ग्लोबल ट्रेड रुट का सेंटर बनाना है": करण अदाणी

 

अदाणी समूह ने उत्तराधिकारियों की घोषणा कर दी है, यानी करीब एक दशक बाद अदाणी साम्राज्य की कमान जनरेशन-2 (जी-2) के हाथों में होगी। गौतम अदाणी के बड़े बेटे करण अदाणी के पास अभी समूह का एक महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो है। करण, इस वक्त अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। करण अदाणी यह मानते हैं कि विरासत के साथ बड़ी जिम्मेदारी मिलना एक चुनौती है, लेकिन वे इसके लिए तैयार हैं। ब्लूमबर्ग को दिए एक खास इंटरव्यू में करण अदाणी ने उत्तराधिकारी के तौर पर अपनी चुनौतियों और परिवार के बारे में खुलकर बातचीत की। 

क्या सरकार की रणनीति पर काम करती है कंपनी

अदाणी समूह के बारे में कहा जाता है कि यह कंपनी सरकार की रणनीति के मुताबिक अपना कारोबार करती है, लेकिन करण अदाणी ने इस पर अपनी बेबाक राय रखते हुए कहा, "राजनीतिक पार्टी से नजदीकी होने का मतलब यह नहीं है कि आपको काम मिलता है। सबसे बड़ी चुनौती होती है कि आप बाजार में काम करने के लिए कितने सक्षम हैं? क्या आप डिलीवर कर सकते हैं? क्या आप बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना कर सकते हैं? यदि यह सब नहीं कर सकते हैं, तो आप किसी भी राजनीतिक पार्टी के करीब रहें, कोई फर्क नहीं पड़ता। आज का भारत किसी का पक्ष नहीं लेता, वह उसी का साथ देता है, जो हार नहीं मानते हैं और हर चुनौती को स्वीकार करते हैं।

पोर्ट बिजनेस करना एक बड़ी चुनौती

अदाणी समूह का बिजनेस, सरकार की स्ट्रैटेजी पर चलता है, इसका जवाब देते हुए करण अदाणी ने कहा, हम जहाँ ऑपरेट करते हैं, वह काफी रणनीतिक पोजिशन है, हम यह भी जानते हैं कि वहाँ कई तरह की चुनौतियाँ होती हैं। लेकिन मैं आपको यह स्पष्ट करना चाहता हूँ कि हम भारत के ट्रेड रुट पर ज्यादा ध्यान देते हैं। परेशानी और चुनौती इसका हिस्सा है। हमारे पोर्ट चीन और श्रीलंका की नजर से काफी रणनीतिक पोजिशन पर हैं, लेकिन हम हर चुनौती से निपटने के लिए सक्षम हैं और हम अच्छा काम कर रहे हैं। हम जानते हैं कि देश की अपनी कुछ जरुरतें हैं, जियो पॉलिटिक्स का रोल भी काफी अहम् है, लेकिन हम कंपनी की जरुरत पर ज्यादा फोकस करते हैं, और साथ ही कंपनी और स्टेकहोल्डर्स के हित को ध्यान में रखते हैं। हमारा परिवार भी कंपनी में बड़ा स्टेकहोल्डर है, इसके अलावा बिजनेस में इन्वेस्टर्स और माइनॉरिटी स्टेकहोल्डर्स भी हैं, हमें सबका ध्यान रखना है और हमारे फैसले भी सबके हित में लिए जाते हैं।

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