
यह जानकारी देते हुए। संस्था के महामंत्री बाबूराम यादव ने बताया कि। परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के उत्तराधिकारी पूज्य पंकज महाराज ने याद दिलाया कि विभिन्नता में एकता का भारतवर्ष का एक गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। जो आदर्शवादी शिक्षा का अतीत इस देश का रहा है, उसी तालीम और नसीहत के अनुरूप आचरण ने ही धर्म और आस्था की जड़ें इतनी गहराई तक पहुँचाई हैं, जिन्हें जल्दी कोई हिला नहीं सकता। इस समय उसी आदर्शवादी उदारता, शिक्षा को आचरण में उतारने का समय आ गया है।
संस्था के प्रवक्ता ने बताया कि। वर्तमान की संकट कालीन त्रासदी में संस्था-प्रमुख पूज्य पंकज जी महाराज की अपीलें बहुत महत्वपूर्ण हैं। उनका पैगाम है कि। यह वक्त धर्म, मजहब, जाति-पाँति के नाम पर लड़ने-झगड़ने का नहीं। लड़ाई-झगड़े करना, इन्सानों का काम नहीं। इससे नफरत के शिवाय कुछ नहीं मिलता। अनमोल मानव-तन को व्यर्थ न करें। मानवता की निःस्वार्थ भाव से सेवा, दया के द्वार खोलती है। विश्व पर आये हुए संकट से उबरने के लिए महापुरुषों की वाणियाँ सहायक सिद्ध हो सकती हैं। सभी राष्ट्रनायकों, समाज के शुभचिन्तकों, समाज सेवियों, राजनैतिक महानुभावों, जन-प्रतिनिधियों, साधू-महात्माओं, धर्माचार्यों, आमिल-आलिम इमामों, पुजारी, पादरियों, बुद्धिजीवियों, भारत के स्वर्णिम भविष्य नवयुवकों, आम लोगों को शाकाहार, नशामुक्ति का जोर-शोर से प्रचार करना चाहिए। इससे एक अच्छे समाज का निर्माण होगा। कटुता, बैर-भावना, ईष्र्या खत्म हो जायेगी। शान्ति-सुकून का माहौल बन जायेगा। यह सबके लिए लाभकारी होगा।
0 टिप्पणियाँ