मथुरा.सवांददाता! जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था, मथुरा के प्रमुख पूज्य पंकज महाराज ने अपने एक सन्देश में कहा है कि। भारतवर्ष की सर्वधर्म समभाव की परम्परा और मानवतावादी धार्मिकता विश्व के लिए अनुकरणीय रही है। मानव-धर्म, मानव-कर्म की व्यावहारिक शिक्षा अध्यात्मवाद की ओर ले जाती है। कोई भी धर्म या मजहब संघर्ष, विद्वेष, ईष्र्या, नफरत की शिक्षा नहीं देता। वर्तमान में कोविड-19 की वैश्विक महामारी के संकट को एकजुट होकर परस्पर सेवा, सहयोग की भावना से खत्म करना है। सभी लोग अपनी-अपनी मान्यता और विश्वास के मुताबिक प्रभु-मालिक को याद करें। हिन्दू भगवान का भजन, मुसलमान खुदा की इबादत, सिख गुरु ग्रन्थ का पाठ, ईसाई प्रेयर ;प्रार्थनाद्ध अन्य लोग अपनी आस्था के अनुसार आचरण, पूजा-अर्चना समय निकालकर करने लगें तो प्राकृतिक प्रकोप के संकट टल जायेंगे। कोई भी धर्म, मजहब किसी प्रकार की हिंसा की इजाजत नहीं देता।
यह जानकारी देते हुए। संस्था के महामंत्री बाबूराम यादव ने बताया कि। परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के उत्तराधिकारी पूज्य पंकज महाराज ने याद दिलाया कि विभिन्नता में एकता का भारतवर्ष का एक गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। जो आदर्शवादी शिक्षा का अतीत इस देश का रहा है, उसी तालीम और नसीहत के अनुरूप आचरण ने ही धर्म और आस्था की जड़ें इतनी गहराई तक पहुँचाई हैं, जिन्हें जल्दी कोई हिला नहीं सकता। इस समय उसी आदर्शवादी उदारता, शिक्षा को आचरण में उतारने का समय आ गया है।
संस्था के प्रवक्ता ने बताया कि। वर्तमान की संकट कालीन त्रासदी में संस्था-प्रमुख पूज्य पंकज जी महाराज की अपीलें बहुत महत्वपूर्ण हैं। उनका पैगाम है कि। यह वक्त धर्म, मजहब, जाति-पाँति के नाम पर लड़ने-झगड़ने का नहीं। लड़ाई-झगड़े करना, इन्सानों का काम नहीं। इससे नफरत के शिवाय कुछ नहीं मिलता। अनमोल मानव-तन को व्यर्थ न करें। मानवता की निःस्वार्थ भाव से सेवा, दया के द्वार खोलती है। विश्व पर आये हुए संकट से उबरने के लिए महापुरुषों की वाणियाँ सहायक सिद्ध हो सकती हैं। सभी राष्ट्रनायकों, समाज के शुभचिन्तकों, समाज सेवियों, राजनैतिक महानुभावों, जन-प्रतिनिधियों, साधू-महात्माओं, धर्माचार्यों, आमिल-आलिम इमामों, पुजारी, पादरियों, बुद्धिजीवियों, भारत के स्वर्णिम भविष्य नवयुवकों, आम लोगों को शाकाहार, नशामुक्ति का जोर-शोर से प्रचार करना चाहिए। इससे एक अच्छे समाज का निर्माण होगा। कटुता, बैर-भावना, ईष्र्या खत्म हो जायेगी। शान्ति-सुकून का माहौल बन जायेगा। यह सबके लिए लाभकारी होगा।
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